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poverty in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में हर तरह के माफियाओं का राज खूब फल फूल रहा है, आज हम आपको राशन माफियाओं के बारे में बताएंगे जो कि गरीबों की रोटियां छीन कर रईसी की ज़िन्दगी जी रहे हैं !

ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के मंडला ज़िला का है जहाँ सैकड़ों परिवार खाने-खाने के लिए मोहताज है, शक्कर, कैरोसिन और गेहूं तो सालों से मिलना बंद है, गरीबों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं सिर्फ टीवी और बैनर तक ही सीमित है, ज़मीनी हक़ीक़त इससे उलट है, कंप्लेन करने पर CM Office में भी सुनवाई नहीं हो रही है !

MP: गरीबों की रोटी पर माफियाओं का कब्ज़ागांव  के  लोग  समस्या  साझा  करते  हुए

आदिवासी गांव मंडला के सैकड़ों परिवार खाद्यान्न के लिए महीनों से भटकते अब भूख के शिकार हो रहे हैं । कुछ गरीब परिवारों को तो खाने के लाले पड़ ही रहा है वहीं कुछ परिवारों को अभी अभी जैसे तैसे राशन दिया गया है । यह गांव मंडला जिले के मोहगांव विकासखंड के अंतर्गत आता है । समाजसेवी पी.डी. खैरवार एवं सहजान परस्ते के द्वारा गांव तक पहुंच ग्रामीणों से भेंट कर हालचाल जानने पर बताया गया कि :

इस गांव की राशन दुकान से 5 महीने पहले चावल दिया गया था, शक्कर, कैरोसिन दिया जाना तो बहुत पहले से बंद है ही, गेहूं दिया जाना भी लगभग एक साल पहले से बंद कर दिया गया है । 

कुछ परिवारों को छोड़कर पांच महीने गुजर जाने के बाद अब तक सभी हितग्राहियों को राशन नहीं दिया जा सका है। कुछ जागरूक  ग्रामीणों के द्वारा कारण जानने के लिए दुकानदार से बात करने पर संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जाता है‌। ग्राम पंचायत सरपंच पति से भी जानकारी चाहने पर उनसे भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है । जबकि राशन डीलर के द्वारा फिंगर हर महीने ले लिए जाते हैं ।

CM Office हेल्पलाइन से भी नहीं मिल रही है राहत

इस तरह भूख की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों के द्वारा संबंधित अधिकारियों की जानकारी में भी इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है, कई बार कम्प्लेन किया जा चूका है इसके बावजूद कोई समाधान नहीं ।


ग्रामीणों ने बताया कि उनहोंने CM Office हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी शिकायत की जा चुकी है । बावजूद इसके सभी परिवारों को राशन देकर पूर्णत: समाधान अब तक नहीं किया जा सका है ।

बारिश भी करीब भोजन का संकट होता जा रहा हावी

प्रशासन के इस रवैए के कारण गरीबों के परिवारों में भोजन का संकट बढ़ता जा रहा है। बारिश पास में देख गरीब परिवारों को भरण पोषण के सहारा के लिए मिलने वाले राशन के लंबे समय से नहीं मिल पाने की और भी ज्यादा चिंता सताने लगी है

सरकार की ऐसी नीतियों से बढ़ रही लोगों में नाराज़गी

सरकार की एकमात्र मुफ्त सी योजना का लाभ भी बराबर नहीं दिये जाने से लोगों में सरकार के लिए नाराज़गी बढ़ती जा रही है, चर्चा गांव और गांव के बाहर भी दूर दूर तक फैलती जा रही है । जिससे सरकार की गलत नीतियों को कोसने वालों की संख्या बढ़ती जा रही  है ।

ग्रामीणों की ओर से राशन हितग्राही राम सिंह परते, राकेश नरते, कुंवर लाल भवेदी, मान सिंह धुर्वे, रामलाल भवेदी, धरम,इंद्रेश कुलस्ते, भादू सिंह धुर्वे, रामसाय भवेदी, श्याम कुमार परते, इमरत परते, देव सिंह परते हरिश्चंद्र धुर्वे ने Media के माध्यम से मांग की है कि अब तक का शेष राशन जून के महीने के राशन के साथ दिया जाये, जिससे आने वाली बारिश में भूखे रहने जैसी स्थिति न बने ।